IP Address क्या होता है और इसे कैसे पता करें ?

0

में आज आपको IP Address क्या होता है और इसे कैसे पता करें? बताने वाला हूँ. दोस्तों यदि आप लोग इंटरनेट का यूज करते होंगे तो कभी न कभी आईपी एड्रेस के बारे में जरूर सुना होगा. यदि आपको इस बारे अधिक जानकारी चाहिए तो मेरे साथ बने रहें.

जब आप इस पोस्ट को पढ़ेंगे तो आपके मन में मेरा आईपी एड्रेस क्या है भी आएगा, वो भी में आपको बताउंगा. अड्रेस से तो आप सभी वाकिफ हैं, जैसे हमारे घर का पता होता है वैसे ही इंटरनेट की भाषा में यह भी एक प्रकार का पता होता है.

ip adress kya hota hai

तकनीक के क्षेत्र में हमें बेसिक सी चीजों का नॉलेज जरूर होना चाहिए और आईपी एड्रेस का बेसिक से लेकर एडवांस नॉलेज आपको मिलेगा जैसे किसी का आईपी एड्रेस कैसे पता करें और आईपी एड्रेस कितने प्रकार के होते हैं आदि. इस पोस्ट में आपके लिए बहुत कुछ है तो पूरा जरूर पढ़ें.

IP Address के बारे में जानने से पहले ये पढ़ें

दोस्तों इन्टरनेट आप सोच भी नहीं सकते हैं की कितना बड़ा नेटवर्क है. आप इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं की इससे पूरी दुनियां के कम्यूटर डिवाइसेस आपस में जुड़े होते हैं.

क्या कभी आपने सोचा है की जब कोई फाइल आप डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट पर डालते हैं तो वो पूरी दुनियां के सिस्टम को छोड़कर आपके कंप्यूटर या मोबाइल में ही क्यों डाउनलोड होती है. यह फाइल और किसी कंप्यूटर में भी तो जा सकती है, आपके कंप्यूटर का रास्ता उसे कैसे पता होता है.

अब आपके मन में थोड़ी थोड़ी बात क्लिक करने लगी होगी में क्या कहना चाहता हूँ और आईपी एड्रेस से पहले इसे पढ़ने को क्यों बोला है. चलो आपको बता देता हूँ कि दुनियां भर के डिवाइस को छोड़कर आपके कंप्यूटर में फाइल डाउनलोड आईपी एड्रेस के कारण ही होती है.

उदाहरण के लिए आपने एक लिफाफा कहीं पर पोस्ट किया तो वो पोस्ट अपने सही जगह पर कैसे पहुंचती है, इसका जबाब है की उस पर वहां का पता लिखा होता है. 

इसकी आप ऐसा समझें कि जब आप कोई चीज ऑनलाइन मांगते हैं तो वो दुनियां भर के घर को छोड़कर आपके ही घर क्यों पहुँचता है . इसका जबाब है की उस वास्तु पर आपका अड्रेस्स डाला होता है. अब आपको आईपी अड्रेस समझने में आसानी होगी.

IP Address क्या होता है ?

आईपी अड्रेस एक प्रकार से कुछ नंबर्स का एक समूह होता है जो डिजिटली एड्रेस की तरह काम करता है. इसका मतलब ये है की यह एक नेववर्क तकनीक से जुड़े सभी कम्प्यूटर्स में डाटा ट्रांसफर करने में मदद करता है. हर कंप्यूटर या डिवाइस का अपना एक अलग आईपी एड्रेस होता है जो की हर डिवाइस की पहचान है.

जैसे आपको एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में डेटा या फाइल ट्रांसफर करना है तो भेजने वाले सिस्टम को कैसे पता चलेगा कि ये वही सिस्टम है जिसमें फाइल भेजना है. यह काम आईपी अड्रेस ही करता है जिसका पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस है.

जैसे आप कोई वेबसाइट ओपन करते हैं गूगल पर सर्च करके तो आपके राउटर को इसके आईपी एड्रेस से पता चल जाता है की आपकी रिक्वेस्ट कहाँ पर भेजनी है. इस प्रोसेस के बाद आपकी की गई रिक्वेस्ट को उस वेबसाइट के सर्वर तक भेज दिया जाता है जिससे यह घूम के आपके कंप्यूटर तक आती है और ब्राउज़र के माध्यम से ओपन हो जाती है.

आईपी एड्रेस हर डिवाइस की पहचान होती है. जिस तरह से लोगों के नाम होते हैं जिससे वो पहचाने जाते हैं वैसे ही कंप्यूटर में में इनकी पहचान आईपी एड्रेस से की जाती है. जब आपका फोन या कंप्यूटर नेट से कनेक्ट होता है तो उसे एक आईपी एड्रेस ISP (Internet Service Provider) द्वारा दिया जात है जो उसकी अपनी पहचान होती है एवं इसी से किसी भी डिवाइस को ट्रैक किया जाता है.

IP Address के कितने वर्जन है

फिलहाल आईपी के दो ही वर्जन मौजूद हैं, IPv4 एवं IPv6. ये दोनों एक दूसरे से भिन्न हैं. तो चलिये विस्तार से जानें दोनों के बारे में

1. IPv4

IPv4 32 बिट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है और यह दशमलव के माध्यम से चार भागों में बटा होता है. चार भाग के प्रत्येक हिस्से को 8 बिट्स में बांटा जाता है जो मिलकर 32 बिट बन जाते हैं. इसकी रेन की बात करें तो 0 से 225 तक इसकी रेंज होती है.

आपको बता दें कि IPv4 पहले दिन से लेकर अभी तक चल रहा है और यह कामन वर्जन है. IPv4 आज यह काम नहीं कर पाता है क्योंकि इसकी लिमिट समाप्त हो चुकी है. इसका कारण यह है की 32 बिट में अनलिमिटेड एड्रेस को नहीं बनाया जा सकता है. इस प्रकार से दिखता है - 156.102.253.205

2. IPv6

जब इंटरनेट टीम ने देखा कि इंटनरेट यूजर बढ़ने लगे हैं तो इनको आईपी का नया वर्जन निकालने की जरूरत पड़ी जिसके फलस्वरूप IPv6 बनाया गया. इसकी सबसे बड़ी ख़ास बात ये है की इसमें असीमित आईपी एड्रेस तैयार किये जा सकते हैं.

ये जरूर पढ़ें - बिना Network के Free Wi-Fi Calling कैसे करें

ये अभी तक का लेटेस्ट और एडवांस आईपी वर्जन है जो की 128 बिट का होता है. यह दो बिन्दुओं (Colon) के जरिये 8 भागों मे बन्ता होता है. जब डिवाइस का एड्रेस 2009:2292:6e02:33e2:fc7:2953:fb52::302f प्रकार का दिखे तो समझ लें की ये IPv6 है.

आईपी एड्रेस कितने प्रकार के होते हैं?

आईपी एड्रेस को दो भागों में बांटा गया है पहला प्रकार है प्राइवेट आईपी एड्रेस और दूसरा है पब्लिक आईपी एड्रेस. अब दोनों एक दूसरे से किस प्रकार से भिन्न हैं चलिए जानते हैं.

प्राइवेट आईपी एड्रेस

इसमें आपका नेटवर्क राउटर आपके डिवाइस को असाइन करता है. एक ही नेटवर्क के अंदर सभी डिवाइस को अलग अलग आईपी एड्रेस दिए जाते हैं जो मिलकर एक लोकल नेटवर्क बनाते हैं एवं सभी सिस्टम्स एक दूसरे से कम्युनिकेट करते हैं. प्राइवेट आईपी एड्रेससे आपके घर एवं ऑफिस के नेटवर्क को सुरक्षित रखता है.

पब्लिक आईपी एड्रेस

जो आईपी एड्रेस इंटनरेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) द्वारा आपके नेटवर्क राउटर को दिया जाता है उसे पब्लिक आईपी एड्रेस कहते हैं.

आपके सिस्टम का एक खुद का आईपीएड्रेस भी होता है पर जब इसे इंटरनेट से जोड़ा जाता है तो ये राउटर के पब्लिक आईपी एड्रेस माध्यम से कनेक्ट होता है. यही कारण है की आपके सिस्टम का प्राइवेट आईपी एड्रेस छुप जाता है.

पब्लिक आईपी एड्रेस को दो भागों में बांटा गया है

1. Static IP Address - यह आईपी स्टेटिक यानी स्थायी होता है जो किसी भी कंडीशन में बदलता नहीं है, Static IP Address कहलाता है.

2. Dynamic IP Address - यह आईपी स्टेटिक से बिलकुल उलटा है जो इंटरनेट कनेक्ट होते ही बदल जाता है क्योंकि यह इंटरनेट पर आधारित होता है.

आईपी एड्रेस के कितने Class होते हैं?

यह आपने एक नयी जानकारी सुनी होगी कि आईपी एड्रेस के क्लास भी होते हैं. काफी लोग जानते हैं पर जिनको जानकारी नहीं है उनको बता दें की नेटवर्क के साइज के आधार पर इसको 5 क्लास दी गई हैं. तो चलिए जानते है पाँचों क्लास के बारे में विस्तार से.

Class A

आईपी की यह क्लास बड़े साइज के नेटवर्क के लिए यूज किया जाता है. क्लास ऐ में बहुत सारे Hosts होते हैं जिसमे फर्स्ट 8 बिट यानी पहला हिस्सा नेटवर्क को और आखिरी 24 बिट यानी अंतिम तीन हिस्से होस्ट को प्रदर्शित करते हैं. इसकी रेंज की बात करें तो 1 से लेकर 127 तक है.

Class B

क्लास बी को मध्यम वर्ग के नेटवर्क में यूज किया जाता है. इस क्लास में पहले 16 बिट यानी प्रथम दो हिस्से नेटवर्क और अंतिम 16 बिट यानि आखिरी दो हिस्से होस्ट को दर्शाते हैं. इसकी रेंज 128 से 191 है.

Class C

यह सबसे छोटे नेटवर्क के लिए यूज में लिया जाता है जिसमे पहले 24 बिट यानी पहले तीन हिस्से नेटवर्क को और लास्ट 8 बिट यानि आखिरी हिस्सा होस्ट को दर्शाता है. क्लास स की रेंज 192 से लेकर 123 है.

Class D

क्लास डी का यूज नियमित नेटवर्क के लिए नहीं होता है क्योंकि ये मल्टीकॉस्टिंग एप्लीकेशन के लिए आरक्षित है. इसकी रेंज 224 से 239 है.

Class E

अभी तक क्लास इ की कोई परिभाषा नहीं है इसीलिए अभी इसे किसी भी नेटवर्क के लिए यूज ही नहीं किया जाता है. इसे यूज न करने का कारण ये है की अभी तक इसकी जरूरत ही नहीं पढ़ी है. भविष्य में इसे जरूरत के हिसाब से यूज किया जायेगा. इसकी रेंज 240 से 245 तय की गई है.

मेरा आईपी एड्रेस क्या है?

आपने यहाँ तक पोस्ट को पढ़ लिया है तो आपके मन में एक सवाल जरूर आया हगा की मेरा आईपी एड्रेस क्या और कैसे पता करें? तो इसके लिए बहुत सिंपल और सरल तरीका जिससे आप अपने किसी भी डिवाइस जैसे मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्टवॉच, टेबलेट सभी के आईपी एड्रेस निकाल सकते हैं. तो आइये जाने कि अपना आईपी एड्रेस कैसे पता करें?

1. आपको अपना आईपी एड्रेस जानने के लिए किसी भी एक ब्राउज़र को ओपन कर लेना है और उसमे गूगल को खोल लेना है.

2. इसके बाद सर्च बॉक्स में what is my ip लिखकर सर्च करना है.

3. जैसे ही आप सर्च करते हैं वैसे ही आपका आईपी एड्रेस आपके सामने होगा जैसा नीचे इमेज में देख सकते हैं.

mera ip address kya hai

4. इसके अलावा आप https://whatismyipaddress.com/ वेबसाइट के माध्यम से भी अपना आईपी एड्र्स जान सकते हैं.

5. इस साईट पर आपको और दोनों वर्जन मिल जाते हैं एवं आईपी की करेंट लोकेशन भी जान सकते हैं.

निष्कर्ष

दोस्तों मेने इस पोस्ट में आईपी एड्रेस से सम्बंधित सब कुछ कवर कर दिया है. अब आपको इंटरनेट पर कभी IP Address क्या होता है और इसे कैसे पता करें ? सर्च नहीं करना पड़ेगा. यह मेरा मानना है पर यदि आपको लगता है कि कुछ पार्ट अभी भी छूट गया है तो कमेंट के माध्यम से संपर्क करें.

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)