लेपटॉप कंप्यूटर और फोन को वायरस से कैसे बचाएं

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दोस्तों नमस्कार, आज की पोस्ट में आपको लेपटॉप कंप्यूटर और फोन को वायरस से कैसे बचाएं की जानकारी देने वाला हूँ. आज की जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है क्योंकि इस डिजिटल दुनियां में वायरस नाम की बीमारी से अपने लैपटॉप कंप्यूटर और फोन को कैसे सुरक्षित रखें की सम्पूर्ण जानकारी देने वाला हूँ.

लेपटॉप कंप्यूटर और फोन को वायरस से कैसे बचाएं

लेपटॉप कंप्यूटर और फोन को virus से कैसे बचाएं

The Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आपके कंप्यूटर और फ़ोन को साइबर अटैक से बचने के लिए लगातार काम कर रहा है, इसके लिए उन्होंने साइबर स्वच्छता केंद्र नाम की वेबसाइट भी बना रख्खी है. इस साइट में यही जानकारी दी गयी है की अपने लैपटॉप कंप्यूटर और फ़ोन वायरस के निवारण या लैपटॉप कंप्यूटर और फ़ोन वायरस से बचने के 7 फ्री उपाय, लेपटॉप कंप्यूटर और फोन को  वायरस से कैसे बचाएं को बताया गया है. इन सातों टूल्स को इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने बनाया है, जिसको क्विक हील, ईस्कैन के साथ मिलकर ऑपरेट करती है.

इन सभी टूल्स की सहायता से मैलवेयर और बाटमेट क्लीनिंग पर नजर रखी जाती है. बॉटनेट का उपयोग स्पैम भेजने, डेटा चोरी करने या दूसरे साइबर अटैक के लिए किया जाता है. यही कारण है की सरकार भी चाहती है की आप सभी लोग इन सभी टूल्स का उपयोग करके साइबर अटैक से बचें.

लेपटॉप कंप्यूटर और फोन वायरस क्या है एवं कैसे पता चलता है

साथियों कंप्यूटर वायरस एक प्रकार का प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर होता है जो आपके बिना अनुमति के ही इंटरनेट के माध्यम से आपके लैपटॉप कंप्यूटर और फ़ोन में चुपके घुस जाता है, जिससे आपके सिस्टम में रखे डाटा को हानि पहिंच सकती है. जब हम अपने कंप्यूटर या फोन में कोई भी सॉफ्टवेर या फाइल डाउनलोड करते हैं तो उसी समय कुछ अननोन फाइल्स या वायरस भी डाउनलोड हो जाते हैं और हमारे फ़ोन या कंप्यूटर की परफॉर्मेंस को बिगाड़ देते हैं.

आपने कई बार देखा होगा की हमारा इंटरनेट स्लो चलने लगता है या कोई फाइल बहुत लेट ओपन होती है या ओपन ही नहीं होती है, जिससे हमें कई बार अपने लैपटॉप-फोन को बार बार रे-स्टार्ट करना पढता है, पर्याप्त स्टोरेज होने के बाद भी कोई एप्लीकेशन इनस्टॉल न होना, ये भी वायरस का काम है. यदि आपके साथ भी यही समस्या है तो आपके लिए ये पोस्ट बहुत हेल्पफुल है.

लेपटॉप कंप्यूटर और फोन में वायरस किस किस माध्यम से आ सकता है

हमारे कंप्यूटर में वायरस मुख्यता 6 माध्यम से आ सकता है और कंप्यूटर में वायरस किस file को प्रभावित कर सकता है

1. Pirated Software के माध्यम से - जब हम अपने फोन या कंप्यूटर में कोई चुराया गया सॉफ्टवेयर या गैर कानूनी सॉफ्टवेयर (Pirated Software) का यूज करते हैं तो वायरस को सिस्टम में घुसने में बहुत आसानी होती है.

2. Network System के द्वारा - आज के दौर में आपने अकसर देखा होगा कि ऑफिस में सभी कंप्यूटर सिस्टम एक दूसरे से जुड़े होते हैं, जिसके माध्यम से आसानी से डाटा एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में जाता है. यासी से वायरस भी आसानी से सभी कम्प्यूटर्स में घुस जाता है.

3. Pen Drive के माध्यम से - एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में यदि डेटा ट्रांसफर करना हो तो पेन ड्राइव से अच्छा माध्यम नहीं है, पर यदि उस पेन ड्राइव में वायरस है तो वो आसानी से आपके कंप्यूटर में भी आ जाएगा और कंप्यूटर को प्रभावित कर देगा. पेन ड्राइव को अपने कंप्यूटर लगाने से ये बात जरूर ध्यान रखें. पेण्ड्रीवे लगाने से पहले उसे एन्टीवायरस से स्कैन जरूर कर लें.

4. इंटरनेट के द्वारा - आज कल डिजिटल जमाने में कोई भी हो बिना इंटरनेट के नहीं रह सकता है, पर क्या आपको पता है कि वायरस सबसे ज्यादा इंटरनेट के माध्यम से ही आता है. जब हम कोई भी फाइल जैसे मूवीज, सांग्स या कोई एप्लीकेशन डाउनलोड करते हैं तो वायरस कंप्यूटर में इन्हीं फाइलों के माध्यम से आता है.

5. Creaked Software से - क्रेक्ड सॉफ्टवेयर के यूज से भी वायरस आने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए कोई भी सॉफ्टवेयर यूज करने से पहले ध्यान रखें और सही से चेक कर लें.

6 ईमेल के द्वारा - आज कल ईमेल के बिना कोई भी आफिस काम नहीं कर सकता चाहे वो सरकारी दफ्तर हो या प्राइवेट कंपनी. पर कई बार ऐसे ईमेल आते हैं जिनकी फाइल्स पहले से ही करप्ट होतीं है, जिनको ओपन करने पर वायरस हमारे कंप्यूटर में आकर Computer प्रोग्राम को बिगाड़ देता है.

लेपटॉप-कंप्यूटर और फोन वायरस से लड़ने के 7 फ्री हथियार

क्विक हील बॉट रिमूवल एंटीवायरस - ये बेहतरीन टूल बिलकुल फ्री में आप डाउनलोड कर सकते हैं. इस टूल को जो कम्पनी ऑपरेट करती है उसका नाम इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम है. इस एंटीवायरस सॉफ्टवेयर टूल को माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटेड कम्प्यूटर के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस टूल की मदद से किसी भी प्रकार के वायरस को आसानी से पकड़ा जाता है और उसे मिटाया जाता है. इसका मैं काम होता है की आपके कंप्यूटर में जो डेटा है उसे चोरी होने से बचाना.

ईस्कैन AV एंटीवायरस सॉफ्टवेयर - Indian Computer Emergency Response Team - CERT-In) सरकार द्वारा आदेशित एक सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा संगठन है, जो इस टूल को ऑपरेट करती. इस टूल को खासकर एंड्रॉयड फोन के लिए बनाया गया है. इसको आप नीचे दी गयी लिंक से बिलकुल फ्री डाउनलोड कर सकते हैं. इसकी खासियत ये है की ये सभी प्रकार के वायरस को स्कैन करके हटा देता है.

ईस्कैन एंटीवायरस बॉट रिमूवल टूल - ये भी सिस्टम से वायरस को हटाने का काम करता है. इस टूल को भी आप बिलकुल फ्री डाउनलोड कर सकते हैं. ये कंप्यूटर में उपस्थित सभी तरह के वायरस को स्कैन कर लेता है और आसानी से हटा भी देता है वो भी क्विकली. इसका यूज केवल विंडोज PC में ही किया जा सकता है.

USB प्रतिरोध Protection Software - यह एक डैक्सटॉप सिक्योरिटी सोलुशन है, ये आपके कंप्यूटर डेक्सटॉप को सुरक्षा देता है. इसका मतलब ये है की आपके सिस्टम में जो भी बाहरी डिवाइस जैसे पेन ड्राइव, यूएसबी, हार्ड ड्राइव, सेल फोन और सभी प्रकार के बाहरी उपकरणों को कंट्रोल करता है. . इसमें पासवर्ड प्रोटेक्शन, डेटा एन्क्रिप्शन, ऑटो रन सिक्योरिटी और मैलवेयर डिटेक्शन जैसे कई तरह के फीचर्स शामिल होते हैं. यह सॉफ्टवेयर को आप मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं. ये वॉन्डोज 7 और विंडोज 10 में यूज होता है

ऐप संविद व्हाइटलिस्टिंग एंटीवायरस - इसका उपयोग विंडोज बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम पर किया जाता है. ये डेस्कटॉप बेस्ड एप्लीकेशन व्हाइटलिस्टिंग सॉल्यूशन होती है. ये पहले से अप्रूव फाइल्स को एग्जीक्यूट करने की इजाजत देता है. इस सॉफ्टवेयर को विंडोज 8 64-बिट, विंडोज-7 64-बिट, विंडोज 10 32-बिट, विंडोज 10 64-बिट के लिए अपने हिसाब से अलग-अलग डाउनलोड कर सकते हैं.

JS Guard Fire Fox Browser के लिए - यह एक वेब ब्राउजर की एक्सटेंशन होती है. इसका यूज केवल फायर फॉक्स ब्राउज़र के लिए किया जाता है जैसा की नाम से समझ में आ रहा है. जे एस गार्ड ब्राउज़र पर होने वाले HTML और जावा स्क्रिप्ट की मदद से अटेक को रोकता है. जो लोग मोजिल्ला फायर फॉक्स का यूज करके इंटरनेट चलाते हैं उनके लिए ये बहुत फायदेमंद है और फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं.

JS Guard Chrome Browser के लिए - फायर फॉक्स की तरह जेएस गार्ड को गूगल क्रोम लिए भी बनाया गया है. ये भी ब्राउजर पर HTML और जावा स्क्रिप्ट की मदद से होने वाले Cyber अटैक को रोकता है.

निष्कर्ष 

दोस्तों आज आपने इस पोस्ट में लेपटॉप कंप्यूटर और फोन को वायरस से कैसे बचाएं और  के बारे में जाना. साथ में ये भी जाना है की आपके कंप्यूटर लैपटॉप और फोन में वायरस कहाँ कहाँ से आ सकता है तथा कैसे जानें. जानकारी सही लगी हो तो कमेंट करके जरुर बताएं

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