Dark Web क्या है और इससे कैसे बचें - दोस्तों आज की पोस्ट बहुत जरूरी है आप के लिए क्योंकि आज हम डार्क वेब क्या है जानने वाले हैं. आप जो कुछ भी इंटरनेट पर करते हैं सब कुछ बेचा जा रहा है बिना आपको पता चले. यदि आप इंटरनेट पर काम करते हैं और लेन देन भी करते हैं dark web in hindi को जरूर जान लें.
वैसे आप लोग डार्क वेब के बारे में न जानते हों पर सभी इंटरनेट से सम्बंधित इललीगल एक्टिविटीज़ इस पर की जाती हैं, जैसे हैकिंग, ऑनलाइन फ्रॉड और बहुत ऐसे काम हैं जो डार्क वेब से अंजाम दिए जाते हैं. आज ऐसे लोग जो डिजिटल दुनियां से सम्बन्ध रखते हैं उनको इसका पता होना जरूरी है तभी आप इससे बच सकते हैं.
Dark Web क्या है?
डार्क वेब इंटरनेट का ऐसा काला हिस्सा है जिसे न तो गूगल और न हिन् बिंग जैसे बड़े सर्च इंजन अपने सर्च में शामिल करते हैं. डार्क वेब तक पहुँचने के लिए एक ख़ास प्रकार के सॉफ्टवेयर का यूज किया जाता है, जैसे Tor ब्राउज़र आदि.
Kaspersky Lab जो साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म के अंतर्गत आती है ने दावा किया है अपनी एक रेचर्स में कई लोगों का पर्शनल डाटा 3500 रुपये से भी कम कीमत पर डार्क वेब पर बेचा जा रहा है. साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ने सभी इंटरनेट यूजर्स को चेतावनी दी है की आपका पर्शनल डेटा जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स, क्रेडिट या डेबिट कार्ड, बैंकिंग डिटेल्स और सभी बहुमूल्य जानकारी डार्क वेब पर बेची जा रही है.
साइबर सिक्योरिटी के विशेज्ञ रक्षित टंडन ने बताया कि 'इंटरनेट का लगभग 96 प्रतिशत भाग डार्क वेब होता है और हम जो इंटरनेट देखते हैं या फिर सर्च करते हैं वो सिर्फ 4 प्रतिशत होता है. डार्क वेब आपके डाटा को हैकर्स हैक करने में लगे रहते हैं और फिर बेच देते हैं.
उन्होंने बताया कि डार्क वेब आम ब्राउज़र पर नहीं खुलते हैं जैसे क्रोम, फायर फॉक्स आदि. ये केवल TOR ब्राउज़र पर ही खुलते हैं जिनको ट्रैक कर पाना बहुत मुश्किल होता है.
रक्षित टंडन ने बताया कि डार्क वेब का इस्तेमाल ज्यादातर आपराधिक गतिविधियों के लिए ही किया जाता है. यहां पर हैकिंग, सर्विस की तरह होती है, मतलब पैसे देकर किसी की भी हैकिंग करवाई जा सकती है.
इंटरनेट पर आप जो भी करते है डार्क वेब सब बेच देता है
Kaspersky Lab के सीनियर सिक्योरिटी अधिकारी रिसर्चर डेविड जैकोबी ने बताया है कि डेटा की हैकिंग हमारे लिए खतरा बनती जा रही है और ये खतरा व्यक्तिगत के साथ साथ सामजिक खतरा भी है क्योंकि इससे असामाजिक तत्वों को बढ़ावा मिलता है जो की किसी भी हिसाब से ठीक नहीं है.
डेविड जैकोबी ने बताया है की लगभग सभी लोग अपने ज्यादातर अकाउंट का पासवर्ड एक जैसे ही रखते हैं जिससे सभी हैकर्स को आपके सारे अकाउंट की जानकारी एक बार में मिल जाती है और आपका डाटा चुरा लिया जाता है और फिर डार्क वेब पर बहुत ही कम कीमत पर बेच दिया जाता है.
डार्क वेब से बचने का तरीका
यदि आपका आधे से ज्यादा काम ऑनलाइन ही होता है और आपके सभी बैंक अकाउंट का लेन देन भी ऑनलाइन ही होता है तो आपको ये जानना बहुत जरूरी है डार्क वेब से कैसे बचें.
इससे बचने का सबसे बढ़िया तरीका है की आपके जितने भी सोशल मीडिया अकाउंट हैं या फिर बैंकिंग अकाउंट हैं सभी का पासवर्ड बिलकुल अलग ही रखें दुसरे अकाउंट से. ऐसा करने से आपके साथ डाटा की हैकिंग की दुर्घटना नहीं घटेगी और आपका डाटा सुरक्षित रहेगा.